It gives me immense happiness while sharing with you all that my associate has achieved his dream car today.
Original Post by Sagar Yadav (Junior):
सफलता केवल फिल्म का क्लाइमेक्स बताती है। वो जो नहीं बताती, वो है उस तक पहुँचने के लिए किये गए सभी प्रयास।
छोटी छोटी बहुत सारी असफ़लताओ से होकर गुजरती है सफलता की सीढ़ी।
बार बार गिरने के बावजूद उठकर फिर से चल देने की प्रवृत्ति और हार न मानने की प्रकृति, इंसान को किसी भी क्षेत्र में आसमान की बुलंदियों पर पहुँचा देती है।
वो कहते हैं ना, कि अगर आप आगे की तरफ नहीं बढ़ रहे, तो आप पीछे की तरफ जा रहे हो, क्योंकि कोई भी चीज़ इस ब्रह्माण्ड में निश्चित (माने कांस्टेंट) नहीं है।
मेरी ज़िंदगी की शुरुआत ही जिम्मेदारियों के साथ हुयी, घर का बड़ा बेटा जो ठहरा। मैं मेहनत तो करता था, पर पढ़ाई में मेरा बहुत मन लगता नहीं था।
उसका कारण शायद ये था कि उसमे कुछ रचनात्मक या अडवेंचरस नहीं था। किताबी ज्ञान से ज़्यादा मुझे प्रैक्टिकल लाइफ ज़्यादा अट्रैक्ट करती थी।
कुछ दोस्त थे पढ़ाकू, मैं उनकी आज भी इज़्ज़त करता हूँ, पर वो शायद मुझे ऐसा महसूस कराते थे जैसे मैं ज़िंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर पाउँगा।
उनके घर आकर बार बार ये कहने से पापा को भी ऐसा लगने लगा था कि मेरा क्या होगा?
पर मुझे खुद पर खूब विश्वास था। मुझे हमेशा लगता था कि मैं कुछ न कुछ तो ढंग का कर ही लूंगा अपनी ज़िंदगीं के साथ। खैर, भरोसा १ बात है और असल ज़िंदगी १ बात।
पापा की तबियत बिगड़ने की वजह से मुझे बीच में ही अपना ग्रेजुएशन छोड़ना पड़ा, और नॉएडा आकर नौकरी करनी शुरू करनी पड़ी।
इत्तेफ़ाकन ही सही, लेकिन मैं नॉएडा रियल एस्टेट मार्किट में दाखिल हो गया – एक बड़ी नामी गिरामी कंपनी के साथ, जो सिर्फ नाम से ही बड़ी निकली।
सबसे मेहनती होने और ज़्यादा से ज़्यादा मीटिंग्स कराने के बाद भी मुझे अपने करियर का ग्राफ बढ़ता हुआ नज़र नहीं आ रहा था। सैलरी के नाम पर जो पैसे मिलते थे, वो बाइक के पेट्रोल और अन्य भागम-भाग के खर्चो में ही ख़तम हो जाते थे।
धीरे-धीरे करके जैसे-जैसे वक़्त बीतता गया, समस्याएं और बढ़ती गयीं – जैसे अगर बुकिंग हो गयी तो सीनियर की #शाबाशी,, नहीं तो ‘तुम Exist भी करते हो?’ वाला व्यवहार।
मुझे पैसे से ज़्यादा तकलीफ इस बात की होती थी, कि जो सीनियर्स मेरे नाम की बुकिंग अपने अकाउंट में लिखवा लेते थे, और मेरे इंसेंटिव के पैसे भी टुकड़ों में दिया करते थे, उन पर आगे भरोसा करने जैसा कुछ रह नहीं गया था। उसी दौरान मेरी मुलाक़ात एक ऐसे सख्श से हुयी, जिनका नाम Real Estate Market में बूम पर था, Mr. Sagar Yadav सर।
मैंने उनको १ रिफरेन्स के जरिये किसी अच्छी कंपनी में नौकरी लगवाने के लिए कॉल किया।मेरी सारी बातें बहुत ध्यान से सुनने के बाद उन्होंने मुझे खुद की ही कंपनी में काम करने को कहा। तब GoldBucks Realty को रजिस्टर हुए १ साल भी नहीं हुआ था।
उन्होंने मेरी सैलरी निश्चित की, मोरल सपोर्ट दिया कि फॅमिली चलाने में थोड़ी सी भी दिक्कत नहीं आएगी, और खुलकर पूरा दम लगाकर दौड़ने के लिए प्रेरित किया।
मेहनती तो मैं था ही, बस एक सच्चे गुरु की तलाश थी जो सही दिशा दिखा सके, वो भी मिल गया। धीरे-धीरे मैं उनके निर्देशन में Market को समझने लगा, किस जगह पैसा निवेश कर मेरे क्लाइंट्स सबसे ज़्यादा मुनाफा कमा सकते हैं, इन सब चीज़ों की समझ बढ़ने लगी।
जैसे जैसे समझ बढ़ने लगी, मेरे क्लाइंट्स का मुनाफा बढ़ने लगा। उनका मुनाफा बढ़ने की वजह से उन्होंने मुझे और बिज़नेस रेफरेन्सेस देने शुरू किये, जिससे मेरा भी काम तेज़ चलने लगा।
…Fast Forward…
आज मैंने परिवार सँभालने की ज़िम्मेदारियों और अपने लिए १ कमर्शियल प्रॉपर्टी बनाने के साथ-साथ, खुद के लिए Brand New Hyundai Verna का टॉप मॉडल ख़रीदा है।
मैं यहाँ आपके बीच अपनी शेखी बघारने नहीं आया हूँ, बस इतना बताने आया हूँ कि इंसान किसी भी स्तर से खुद को ऊपर उठा सकता है, और जहाँ चाहे वहाँ तक पहुँच सकते हैं।
बस ज़रूरत है, एक मुक्कमल मज़बूत इरादे की और कभी न हार मानने वाले #Positive_Attitude की।
मेरी इस यात्रा में मेरा साथ देने के लिए GoldBucks Realty के सभी दोस्तों का धन्यवाद। और हर उस क्लाइंट और मित्र का धन्यवाद जिन्होंने मुझपर भरोसा कर प्रोत्साहित किया ।
ये पिक्चर का क्लाइमेक्स नहीं है, पिक्चर तो अभी बाकी है मेरे दोस्त।
